कर्मचारियों के वेतन से स्रोत पर कर कटौती (टीडीएस) का सरकार को भुगतान नहीं करने वाले नियोक्ताओं को 7 साल तक की जेल की सजा हो सकती है। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने गुरुवार को यह बात कही। सीबीडीटी ने वित्त वर्ष 2015-16 के लिए वेतन पर टीडीएस के बारे में वार्षिक सर्कुलर को अधिसूचित करते हुए कहा कि कर्मचारियों के वेतन से आयकर कटौती करने में विफल रहने तथा भुगतान में डिफाल्ट करने पर उतनी ही राशि का जुर्माना देना पड़ेगा।
इसमें कहा गया है कि धारा 276 बी के तहत यदि कोई व्यक्ति केंद्र सरकार के पास तय समय में स्रोत पर कर कटौती जमा करने या उस पर देय कर का भुगतान करने में विफल रहता है, तो उसे तीन माह से लेकर 7 साल तक की जेल हो सकती है।
सर्कुलर में कहा गया है कि संबंधित तिमाही के टीडीएस की तिमाही रिपोर्ट जमा करने से पहले ब्याज का भी भुगतान करना होगा। सर्कुलर में टीडीएस कटौती की समयसीमा तथा विभिन्न श्रेणियों के कर्मचारियों के लिए उसे सरकार के पास जमा कराए जाने की समयसीमा का भी विस्तार से ब्योरा दिया गया है।
इसमें कहा गया है कि धारा 276 बी के तहत यदि कोई व्यक्ति केंद्र सरकार के पास तय समय में स्रोत पर कर कटौती जमा करने या उस पर देय कर का भुगतान करने में विफल रहता है, तो उसे तीन माह से लेकर 7 साल तक की जेल हो सकती है।
सर्कुलर में कहा गया है कि संबंधित तिमाही के टीडीएस की तिमाही रिपोर्ट जमा करने से पहले ब्याज का भी भुगतान करना होगा। सर्कुलर में टीडीएस कटौती की समयसीमा तथा विभिन्न श्रेणियों के कर्मचारियों के लिए उसे सरकार के पास जमा कराए जाने की समयसीमा का भी विस्तार से ब्योरा दिया गया है।
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