नोटबंदी के बाद
लोगों में अपनी नकदी बैंक खातें मे जमा कराने की होड मची है। इसके चलते बैंकों में
भी उम्मीद के अनुरूप नकदी जमा हुई है। ऐसे में किसी भी निवेशक को अपना पैसा सिर्फ
बैंक खाते में नहीं छोडना चाहिए। उसके पास दूसरा विकल्प निवेश का है। निवेश के
लिए सबसे अच्छा विकल्प सावधि जमा (एफडी) थी पर बैंको में ज्यादा नकदी से एफडी की ब्याज दरें भी नीचे आने लगी हैं ।
साथ ही इसमें अभी और कटौती की गुंजाइश हैं। इसलिए जोखिम के लिहाज से म्यूचुअल फंड
का डेट फंड एक बेहतर साधन साबित हो सकता हैं। इसके अलावा आवश्यकता पर भुनाने और
टैक्स छूट की सुविधा इसे और भी फायदेमंद बना देती है।
क्या है डेट फंड
म्यूचुअल फंड (एमएफ) की स्कीम है। एमएफ कंपनियों की वह स्कीम डेट फंड
कहलाती हैं जिसकी निवेश की जाने वाली राशि बांन्ड कांमर्शियल पेपर (सीपी) और सर्टिफिकेट आंफ डिपांजिट (सीडी) जैसे सरकारी निवेश माध्यमों में निवेश होती है
जिससे इनका जोखिम काफी कम हो जाता है और रिटर्न सुनिश्चित हैं। इसमें निवेश की अवधि
आमतौर पर तीन महीने से तीन साल तक होती हैं।
कितना रिटर्न मिलेगा
डेट फंड की चुनिंदा स्कीम में एक साल की अवधि में 7 से 8 फीसदी तक और तीन साल की अवधि में 11 से 12 फीसदी तक का रिटर्न दिया हैं। इसका औसत रिटर्न भी शानदार
रहा हैं।
छोटी अवधि के फंड का फायदा
इसके तहत म्यूचुअल फंड कंपनियां उनसरकारी प्रतिभूतियों में
निवेश करती हैं जिसकी अवधि एक साल से कम की होती है। यह फायदेमंद है।
निवेश से पहले रेटिंग जरूरी देखें
जब म्यूचुअल फड की स्कीम बाजार में आती है तो उसकी रेटिंग
भी जारी की जाती है। इससे निवेश पर जोखिम का पता चलता है। किसी भी ऐसे निवेश उत्पाद
पर एएए (ट्रिपल ए) रेंटिग सबसे सुरक्षित
मानी जाती है। के्डिट रेंटिग एजेंसी क्रिसिल और इक्रा सहित अन्य एजेंसियां कई मानकों
के आधार पर रेटिंग जारी करती है। इसमें कंम्पनी की वित्तीय स्थिति उसका प्रबंधन विस्तार
योजनाएं और पुराना रिकार्ड आदि देखा जाता है।
औसत रिटर्न
एक साल में
७.०० प्रतिशत का रिटर्न लिकिव्ड फंड ने दिया ।
८.१० प्रतिशत का रिटर्न अल्ट्रा शांर्ट टर्म ने दिया ।
८.४० प्रतिशत का रिटर्न शांर्ट टर्म इंन्कम फंड ने दिया ।
६.९० प्रतिशत का रिटर्न एसबीआई दे रहा हैं ।
सूत्र : मुख्या सामाचार पत्र
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