Sunday, March 12, 2017

हेल्थ इंश्योेरेंस Health Insurance (स्‍वास्‍थ्‍य बीमा पॉलिसी )



http://www.shubhmoneey.ehagv.com/


     हेल्‍थ इंश्‍योरेंस या स्‍वास्‍थ्‍य बीमा आपके निवेश की भी सुरक्षा करता है। लेकिन इसे खरीदते समय सामान्यतः लोग सस्‍ते प्रीमियम वाली पॉलिसी को ज्‍यादा तरजीह देते हैं। जबकि क्‍लेम के समय सस्‍ते प्रीमियम वाली पॉलिसी में अपनी जेब से ज्‍यादा राशि खर्च करने की नौबत आ जाती है। ऐसे में इलाज का अधिकतम खर्च उठाने वाली पॉलिसी का चुनाव आपके लिए ज्‍यादा फायदेमंद साबित हो सकती है।

पॉलिसी में सुविधा भी देखें

     स्‍वास्‍थ्‍य बीमा खरीदते समय यह जरूर देखे कि उसमें किस तरह की सुविधा दी जा रही है और किस तरह के खर्च को उसके तरह कवर किया जा रहा है। सस्‍ती पॉलिसी में कंपनियां कम खर्च की जिम्‍मेंदारी अपने हिस्‍से में रखती हैं और महंगे इलाज को बीमाधारक के हिस्‍से में रखती हैं। लेकिन इसकी जानकारी बीमाधारक को तब होती है जब वह किसी मुसीबत में पडकर अस्‍पताल में भर्ती होता है। बीमा दस्‍तावेज लंबा होने से उपभोक्‍ता आमतौर पर उसे ध्‍यान से नहीं पढते हैं। ऐसे में उस तरह की पॉलिसी का चुनाव करें जिसमें इलाज का अ‍धिक से अधिक खर्च उठाने की बात हो। इसका प्रीमियम ऊंचा भले ही होगा लेकिन मुसीबत में आपनी जेब से खर्च करने की नौबत नहीं आएगी। ऊंचे प्रीमियम वाली पॉलिसी में कंपनियां महत्‍वपूर्ण फायदों को स्‍पष्‍ट करके बताती हैं। जबकि सस्‍ती प्रीमियम वाली पॉलिसी में कंपनियां फायदों की बजाय प्रतिदिन न्‍यूनतम खर्च के हिसाब से दिखाकर उपभोक्‍ताओं को आकर्षित करती हैं।

बीमारी नहीं छिपाने पर ज्‍यादा लाभ

     पॉलिसी खरीदते समय आपको यदि कोई बीमारी या किसी बीमारी का पहले से इलाज करा रहे हैं तो उसकी जानकारी जरूरी दें। इससे आपको थोडा ऊंचा प्रीमियम भले ही ही चुकाना पडेगा लेकिन क्‍लेम के समय किसी भी तरह की परेशानी नहीं होगी। कुछ खास बीमारियों की जानकरी देने पर कंपनियां उसका कवर भी देती हैं। कई बार लोग कम प्रीमियम लगने की वजह से बीमारी को छिपा लेते हैं। लेकिन क्‍लेम के समय बीमा कंपनी को इसकी जानकारी मिलने पर क्‍लेम रदद् नही हो सकता है।

प्रतीक्षा सूची देखकर पॉलिसी खरीदें

     किसी खास बीमारी से ग्रसित होने और उसके इलाज के लिए स्‍वास्‍थ्‍य बीमा पॉलिसी में प्रतीक्षा सूची होती है। कुछ मामलों में यह तीन से चार साल तक की होती है। यदि पॉलिसी में यदि दिल का दौरा पडनें पर इलाज के खर्च के लिए तीन साल की प्रतीक्षस अवधि है लेकिन दो साल में ही आपको उसका सामना करना पडे तो पॉलिसी उसका खर्च नहीं उठाएगी। ऐसे में उस पॉलिसी का चुनाव करें जिसमें इन बीमारियों के इलाज की प्रतीखा सूची सबसे कम हो।
http://www.shubhmoneey.ehagv.com/

कम उम्र में पॉलिसी ले

     कम उम्र में स्‍वास्‍थ्‍य जोखिम कम होता है और आप काफी लंबे समय तक बीमा पॉलिसी से कबर रह सकते हैं। कम उम्र में पॉलिसी खरीदने पर कंपनियां सस्‍ते प्रीमियम की पेशकश करती हैं। उदाहरण के लिए आपने लंबी बीमा अवधि की पॉलिसी ली है जो आपके जीवन पर्यन्‍त रहेगी। अगर आप 40 वर्ष की आयु तक बीमा पॉलिसी खरीदने का इंतजार करते हैं तो आपकी प्रीमियम राशि अधिक होगी क्‍योंकि उसमें आपके जीवनकाल को कम आंका जाएगा। बीमा क्षेत्र के सलाहकारों का कहना है कि कम उम्र में बीमा उत्‍पाद खरीदना चाहिए जिससे आपको सर्जरी या इलाज का पूरा खर्च मिल सके।


ग्रुप स्‍वास्‍थ्‍य बीमा पॉलिसी के भरोसे न रहें

     कंपनियां सामान्‍यत अपने कर्मचारियों को स्‍वास्‍थ्‍य बीमा पॉलिसी का कवर देती हैं। लेकिन इसकें कई तरह के खर्च कवर नहीं किया जाता है और आपको अपनी जेब से भुगतान करना पडता है। इसी तरह कंपनी छोडने या सेवानिव्रत्‍त होने पर कंपनी की ओर से दिया गया स्वास्‍थ्‍य बीमा कवर भी दिया गया स्‍वास्‍थ्‍य बीमा कवर भी खत्‍म हो जाता है। ऐसे में अलग से अपने और परिवार के लिए स्‍वास्‍थ्‍य बीमा पालिसी जरूर खरीदें।

सिर्फ टैक्‍स बचाने के लिए पॉलिसी न लें
http://www.shubhmoneey.ehagv.com/

     एक सर्वे के मुताबिक देश में करीब 50% लोग स्‍वास्‍थ्‍य बीमा पॉलिसी महज टैक्‍स बचाने के लिए खरीदते हैं। वित्‍तीय सलाहकारों का कहना है कि बीमा खरीदते समय अपनी जरूरत आर्थिक स्थिति और बीमा कवर में सुविधाओं को तरजीह देनी चाहिए। स्‍वास्‍थ्‍य बीमा पॉलिसी लेने पर रू 25000.00 तक की टैक्‍स छूट मिलती है। जबकि वरिष्ठ नागरिक को रू 30000.00 तक की छूट का प्रावधान है।  यदि आप अपने वरिष्ठ अभिभावक के लिए पॉलिसी खरीदते हैं तो कुल ५५ हजार रूपये रूपये तक की टैक्‍स छूट ले सकते हैं। इसमें रू 5000.00 तक का मेडिकल टेस्‍ट भी शामिल है। ऐसे में आपने रूपये 15000.00 प्रीमियम वाली पॉलिसी पहले से ले रखी है जिसमें ज्‍यादातर इलाज का कवर शामिल है तो सिर्फ टैक्‍स बचाने के लिए रू 10000.00 के प्रीमियम वाली दूसरी पॉलिसी खरीदना फायदे का सौदा नहीं क्‍योंकि उसमें सुविधाएं कम होंगी।

Article Source : Media

No comments:

Post a Comment